विज्ञान कक्षा 8 पाठ10 किशोरावस्था की ओर way2pathshala
Class(कक्षा)-
8th
Chapter (पाठ)-
10, किशोरावस्था
की
ओर
Subject(विषय)
: Science (विज्ञान)
For NCERT SOLUTION 6 TO 12 SEARCH IN GOOGLE www.way2pathshala.in
For D.EL.ED, TET, CTET, SUPER TET, SAHAYAK ADHYAPAK PREPRA www.exam-std.com
प्रश्न
1: शरीर
में
होने
वाले
परिवर्तनों
के
लिए
उत्तरदायी
अंत:स्त्रावी
ग्रंथियों
द्वारा
स्त्रावित
पदार्थ
का
क्या
नाम
है?
उत्तर 1- शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उत्तरदायी अंत:स्त्रावी ग्रंथियों द्वारा स्त्रावित पदार्थ का नाम हार्मोन है। ये रासायनिक संदेशवाहक होते हैं जो एक कोशिका (या ग्रंथि) से दूसरे कोशिका (या ग्रंथि) में संकेत पहुँचाया करते हैं।
प्रश्न
2: किशोरावस्था
को
परिभाषित
कीजिए।
उत्तर 2- जीवन काल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते है जिसके परिणामस्वरूप जनन परिपक्वता आती है, किशोरावस्था कहलाती है। किशोरावस्था 11 वर्ष की आयु के आसपास शुरू होती है और 18 या 19 वर्ष की आयु तक रहती है।
![]() |
प्रश्न
3-ऋतुस्त्राव
क्या
है?
वर्णन
कीजिए।
उत्तर 3- स्त्रियों में जननावस्था का प्रारम्भ यौवनारम्भ (10 से 12 वर्ष की आयु) से हो जाता है तथा सामान्यतः 45 से 50 वर्ष की आयु तक चलता रहता है। यौवनारम्भ पर अंडाणु परिपक्व होने लगते है। अंडाशय में एक अंडाणु परिपक्व होता है तथा लगभग 28 से 30 दिनों के अंतराल पर किसी एक अंडाशय द्वारा निर्मोचित होता है। इस अवधि में गर्भाशय की दीवार मोटी हो जाती है। जिससे वह अंडाणु के निषेचन के पशचात युग्मनज को ग्रहण कर सके। जिसके फलस्वरूप गर्भधारण होता है। यदि अंडाणु का निषेचन नहीं हो पाता तब उस स्थिति में अंडाणु तथा गर्भाशय का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओ सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्त्स्त्राव होता है जिसे ऋतुस्त्राव कहते है। ऋतुस्त्राव लगभग 28 से 30 दिन में एक बार होता है।
प्रश्न4-
यौवनारम्भ
के
समय
होने
वाले
शारीरिक
परिवर्तनों
की
सूची
बनाइए।
उत्तर 4- यौवनारम्भ के दौरान लड़कों और लड़कियों में सामान्य परिवर्तन होते हैं-
- लंबाई में अचानक वृद्धि।
- शारीरिक आकृति में परिवर्तन
- स्वर में परिवर्तन, लड़कियों का स्वर उच्चतारत्व वाला होता जबकि लड़कों का स्वर गहरा होता है।
- स्वेद एवं तैलग्रंथियों की क्रियाशीलता में वृद्धि
- जनन अंग परिपक्व होने लगते हैं।
- गौण लैंगिक लक्षण यौवनारम्भ के दौरान लड़कों में परिवर्तन:
- लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते है अर्थात दाढ़ी, मूंछ आने लगती है।
- लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में भी बाल आ जाते हैं।
- आवाज गहरी हो जाती है
- मांसपेशियां विकसित होती हैं, और कंधे चौड़े हो जाते हैं।
- वजन में वृद्धि।
यौवनारम्भ
के
दौरान
लड़कियों
में
परिवर्तन-
- स्तनों का विकास और वृद्धि
- लड़कियों में भी बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।
- कूल्हे और श्रोणि क्षेत्र चौड़ा होता है।
- ऋतुचक्र की शुरुआत।
- कूल्हों के आसपास वसा का जमाव।
प्रश्न
5- दो
कॉलम
वाली
एक
सारणी
बनाइए
जिसमें
अंतःस्त्रावी
ग्रंथियों
के
नाम
तथा
उनके
द्वारा
स्त्रावित
हार्मोन
के
नाम
दर्शाए
गए
हों।
उत्तर 5-
क्र.सं |
अंतःस्त्रावी ग्रंथि |
स्त्रावित हार्मोन |
1 |
पीयूष |
वृद्धि हार्मोन |
2 |
थाइरॉइड |
थाइरॉक्सिन |
3 |
एड्रिनल |
एड्रिनेलिन |
4 |
अग्र्याशय |
इंसुलिन |
5 |
वृषण |
टेस्टोस्टेरॉन |
6 |
अंडाशय |
एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन |
प्रश्न
6- लिंग
हार्मोन
क्या
है?
उनका
नामकरण
इस
प्रकार
क्यों
किया
गया?
उनके
प्रकार्य
बताइए।
उत्तर 6- हार्मोन जो गौण लैंगिक लक्षण का गठन करते हैं, उन्हें सेक्स हार्मोन कहा जाता है। सामान्य तौर पर, हार्मोन रक्त प्रवाह में जारी होने पर तुरंत काम करते हैं। लिंग हार्मोन अलग हैं क्योंकि वे बाद में काम करना शुरू करते हैं। वे धीरे-धीरे प्रजनन के लिए शरीर में तैयार होते हैं।
लिंग हार्मोन विकास और विकास में मूलभूत परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं और गौण लैंगिक लक्षण के विकास को प्रोत्साहित करते हैं। वृषण और अंडाशय प्रजनन अंग हैं और दोनों यौवनारम्भ के दौरान पीयूष हार्मोन द्वारा उत्तेजित होते हैं। यही कारण है कि इन्हें लिंग हार्मोन कहा जाता है।
लिंग
हार्मोन
के
प्रकार्य
- पुरुषों में- वृषण पौरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का उत्पादन करता है। यह हार्मोन प्राथमिक और गौण लैंगिक लक्षण के विकास और रक्षण और शुक्राणुओं के उत्पादन में मदद करता है।
- स्त्रियों में- अंडाशय प्राथमिक और गौण लैंगिक लक्षण के लिए जिम्मेदार एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरॉन का स्राव करते हैं।
प्रश्न
7: सही
विकल्प
चुनिए
(क) किशोर
को
सचेत
रहना
चाहिए
कि
वह
क्या
खा
रहे
है,
क्योंकि
- उचित भोजन से उनके मस्तिष्क का विकास होता है।
- शरीर में तीव्रगति से होने वाली वृद्धि के लिए उचित आहार कि आवश्यकता होती है।
- किशोर को हर समय भूख लगती रहती है।
- किशोर में स्वाद कलिकाए (ग्रंथियाँ) भलीभाँति विकसित होती हैं।
(ख) स्त्रियों
में
जनन
आयु
(काल)
का
प्रारम्भ
उस
समय
होता
है
जब
उनके
- ऋतुस्त्राव प्रारम्भ होता है।
- स्तन विकसित होना प्रारम्भ करते हैं।
- शारीरिक भार में वृद्धि होने लगती है।
- शरीर की लंबाई बढ़ती है।
(ग) निम्न
में
से
कौन
सा
आहार
किशोर
के
लिए
सर्वोचित
है-
- चिप्स, नूडल्स, कोक
- रोटी, दाल, सब्जियाँ
- चावल, नूडल्स, बर्गर
- शाकाहारी टिक्की, चिप्स, तथा लेमन पेय
प्रश्न
8: निम्न
पर
टिप्पणी
लिखिए
- ऐडॉम्स ऐपल
- गौण लैंगिक लक्षण
- गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण
उत्तर
8-
1. ऐडॉम्स ऐपल-गले के सामने की और सुस्पष्ट उभरे भाग को ऐडॉम्स ऐपल (कंठमणि) कहते है। लड़कों में यौवनारम्भ के समय स्वरयंत्र अथवा लैरिंक्स में वृद्धि का प्रारम्भ होता है तथा स्वरयंत्र विकसित होकर अपेक्षाकृत बड़ा हो जाता है। इससे लड़कों की आवाज कर्कश हो जाती है।
2. गौण लैंगिक लक्षण- गौण लैंगिक लक्षण वे लक्षण है जो एक पुरुष को महिला से अलग करते हैं।
लड़के-
- लड़कों के चेहरे पर बाल उगने लगते है अर्थात दाढ़ी –मूंछ आने लगती है।
- लड़कों के सीने, बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में भी बाल आ जाते हैं।
- आवाज गहरी हो जाती है।
- मांसपेशियां विकसित होती हैं और कंधे चौड़े हो जाते हैं।
- वजन में वृद्धि।
लड़कियाँ-
- स्तनों का विकास और वृद्धि
- लड़कियों में भी बगल एवं जाँघ के ऊपरी भाग अथवा प्युबिक क्षेत्र में बाल आ जाते हैं।
- कूल्हे और श्रोणि क्षेत्र चौड़ा होता है।
- ऋतुचक्र की शुरुआत।
- कूल्हों के आसपास वसा का जमाव।
3. गर्भस्थ शिशु में लिंग निर्धारण-सभी मनुष्यों की कोशिकाओं के केंद्रक में 23 जोड़े गुणसूत्र पाए जाते हैं। इनमें से 2 गुणसूत्रों (1 जोड़ी) लिंग-सूत्र हैं, जिन्हें x और Y कहते है। एक महिला में दो र गुणसूत्र पाए जाते हैं, जबकि एक पुरुष में x और एक Y गुणसूत्र पाए जाते है। युग्मक (अंडाणु तथा शुक्राणु) में गुणसूत्रों का एक जोड़ा होता है। अनिषेचित अंडाणु में सदा एक x गुणसूत्र होता है। परंतु शुक्राणु दो प्रकार के होते है जिनमें एक प्रकार में x गुणसूत्र और दूसरे प्रकार में y गुणसूत्र होता है। जब X गुणसूत्र वाला शुक्राणु अंडाणु को निषेचित करता है तो युग्मनज में दो x गुणसूत्र होंगे तथा वह मादा शिशु में विकसित होगा। यदि अंडाणु को निषेचित करने वाले शुक्राणु में Y गुणसूत्र है तो युग्मनज नर शिशु में विकसित होगा। यह निष्कर्ष निकालता है कि पिता के लिंग गुणसूत्र एक अजन्मे बच्चे के लिंग का निर्धारण करते हैं।
सम्पूर्ण NCERT समाधान
विज्ञान-कक्षा 8
पाठ
पाठ का नाम
Class 8 Science Chapter 1
Class 8 Science Chapter 2
Class 8 Science Chapter 3
Class 8 Science Chapter 4
Class 8 Science Chapter 5
Class 8 Science Chapter 6
Class 8 Science Chapter 7
Class 8 Science Chapter 8
Class 8 Science Chapter 9
Class 8 Science Chapter 10
Class 8 Science Chapter 11
Class 8 Science Chapter 12
Class 8 Science Chapter 13
Class 8 Science Chapter 14
Class 8 Science Chapter 15
Class 8 Science Chapter 16
Class 8 Science Chapter 17
Class 8 Science Chapter 18
पाठ | पाठ का नाम |
Class 8 Science Chapter 1 | |
Class 8 Science Chapter 2 | |
Class 8 Science Chapter 3 | |
Class 8 Science Chapter 4 | |
Class 8 Science Chapter 5 | |
Class 8 Science Chapter 6 | |
Class 8 Science Chapter 7 | |
Class 8 Science Chapter 8 | |
Class 8 Science Chapter 9 | |
Class 8 Science Chapter 10 | |
Class 8 Science Chapter 11 | |
Class 8 Science Chapter 12 | |
Class 8 Science Chapter 13 | |
Class 8 Science Chapter 14 | |
Class 8 Science Chapter 15 | |
Class 8 Science Chapter 16 | |
Class 8 Science Chapter 17 | |
Class 8 Science Chapter 18 |
0 Comments