कक्षा 7 विज्ञान ,पाठ 9 मृदा इन हिन्दी (way2pathshala)
NCERT Class 7th Science Chapter 9–Soil in Hind In Hindi (कक्षा 7 विज्ञान ,पाठ 9 मृदा इन हिन्दी) पोस्ट उन सभी छात्रों के लिये है जो कक्षा आठ में पढ़ रहे है के लिए www.way2pathshala.in तथा www.exam-std.com के संयुक्त प्रयास से एनसीईआरटी कक्षा 7 विज्ञान ,पाठ 9 मृदा इन हिन्दी (Soil In Hindis) हिन्दी में सलूशन दिया गया है| जो छात्रों को NCERT Solutions For Class 7th Science Chapter 9– Soil में कोई दिक्कत न आए और परीक्षा में अछे अंक प्राप्त कर सके।अगर आप निम्न प्रश्नो जैसे -कक्षा 7 विज्ञान ,पाठ 9 मृदा इन हिन्दी में,ncert class 7 science solutions, Ncert science class 7,ncert class 7 science book pdf, class 7 science Ncert, Ncert solutions for class 7 Hindi, कक्षा 7 विज्ञान ,पाठ 9 मृदा प्रश्न उत्तर, कक्षा 7 विज्ञान ,पाठ 9 मृदा, कक्षा 7 विज्ञान,कक्षा 7 विज्ञान ,पाठ 9 मृदा के प्रश्न उत्तर, के बारे में विस्त्रत जानकारी चाहते है तो google में search करे- www.way2pathshala.in
कक्षा (Class) :-7
विषय(Subject):- विज्ञान (Science)
पाठ Chapter):- 9
पाठ नाम(Chapter name):- मृदा (Soil)
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उत्तर-(3) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
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उत्तर (2) मृण्मय मृदा में
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उत्तर-
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उत्तर-पवन, जल और जलवायु की क्रिया से शैलो के टूटने पर मृदा का निर्माण होता है। मौसम और जलवायु के परिवर्तन के कारण पत्थरों का यंत्रवत विघटन एवं रासायनिक अपघटन होने की प्रक्रिया को अपक्षय कहा जाता है।
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उत्तर-मृण्मय मृदा के कण बहुत ही छोटे होते हैं, मृण्मय मृदा अधिक मात्रा में जल धारण करती है। धान के लिए मृत्तिका एवं जैव पदार्थ से समृद्ध तथा अच्छी जल धारण क्षमता वाली मृदा आदर्श होती है। गेहूं जैसी फसलें महीन मृण्मय मृदा में उगाई जाती हैं, क्योंकि वह ही हयूमस से समृद्ध और अत्यधिक उर्वर होती है।
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उत्तर-
मृण्मय मृदा |
बलुई मृदा |
छोटे कणों की मात्रा ज्यादा है |
बड़े कणों की मात्रा ज्यादा है |
कण कसकर जुड़े हैं |
कण ढीली तरह से जुड़े हैं |
अधिक जल धारण कर सकते हैं |
कम जल धारण करते हैं |
इनका वजन ज्यादा होता है। |
इनका वजन कम होता है |
हयूमस की मात्रा ज्यादा होती है |
हयूमस की उमस की मात्रा कम होती है |
उत्तर-
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उत्तर-
दिए हुए पानी की मात्रा =200 mL
अंतःस्रवण का समय =40 मिनट
अंतःस्रवण की दर = पानी की मात्रा/ अंतः स्रवण का समय
=200 mL/40 मिनट
=5 mL/ मिनट
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उत्तर-
(क) मृदा प्रदूषण की रोकथाम- इसके लिए निम्न लिखित बिंदुओं को अपनाना चाहिये
- जीवनाशी रसायनों के प्रयोग को परिसीमित कर समन्वित कीट प्रबंध प्रणाली को अपनाया जाए।
- रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर समन्वित पादप पोषण प्रबंधन से मिट्टी के मौलिक गुण कालांतर तक विद्यमान रहेंगे।
- लवणता की अधिकता वाली मृदा के सुधार के लिए वैज्ञानिकों के सुझाव के अनुसार जिप्सम तथा पाइराइट्स जैसे रासायनिक मृदा सुधारकों का प्रयोग किया जाए।
- कृषि खेतों में जल जमाव को दूर करने के लिए जल निकास की व्यवस्था अत्यंत आवश्यक है।
- वन कटाव पर प्रतिबंध लगाकर मृदा अपरदन तथा इसके पोषक तत्वों को सुरक्षित रखने के लिए मृदा संरक्षण प्रणालियों को अपनाया जाए।
- झूमिंग कृषि पर प्रतिबंध के द्वारा भू-क्षरण की समस्या को कम किया जा सकता है।
(ख) मृदा अपरदन की रोकथाम-
पेड़ों की जड़ें मृदा को कसकर बांधती है और मृदा अपरदन से बचाती हैं। पेड़ों की कमी के कारण मृदा अपरदन होता है। मृदा अपरदन को रोकने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए और बेवजह पेड़ की कटाई रोकनी चाहिए।
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सीधे
1. इसके बने थैलों के अपशिष्ट से मृदा का प्रदूषण होता है।
2. इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म कणों का अनुपात अपेक्षाकृत अधिक होता है।
4. इस प्रकार की मृदा में सूक्ष्म तथा बड़े करणों की मात्रा लगभग समान होती है।
5. मृदा परिच्छेदिका की परत।
8. वनस्पति न होने पर यह मृदा को उड़ा ले जाती है।
9. इस प्रकार की मृदा सुवातित एवं शुष्क होती है।
10. किसी मृदा द्वारा पानी को रोकने की क्षमता।
ऊपर से नीचे
2. भूमि की ऊपरी परत, जो पौधों को आधार प्रदान करती है,
3. पवन तथा प्रवाही जल के कारण मृदा पर प्रभाव
6. मृदा में जल के अवशोषण की प्रक्रिया
7. किसी स्थान की मृदा की काट परिच्छेदिका
उत्तर-
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सम्पूर्ण NCERT समाधान
विज्ञान-कक्षा 7
पाठ 1- पादपो में पोषण
पाठ 2- प्राणियों में पोषण
पाठ 3 रेशों से वस्त्र तक
पाठ 4 ऊष्मा
पाठ 5 अम्ल, क्षारक और लवण
पाठ 6 भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन
पाठ 7 मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप
पाठ 8 पवन, तूफ़ान और चक्रवात
पाठ 9 मृदा
पाठ 10 जीवो में श्वसन
पाठ 11 जंतुओं और पादप में परिवहन
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