NCERT(राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद) की स्थापना इसके उद्देश्य एवं प्रकार तथा शिक्षा में अनुसंधान का महत्व


NCERT(राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद) की स्थापना इसके उद्देश्य एवं प्रकार तथा शिक्षा में अनुसंधान का महत्व 


NCERT(राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद) की स्थापना इसके उद्देश्य एवं प्रकार
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संक्षेपाक्षर-एनसीईआरटी

सिद्धांत- विद्यया ऽ मृतमश्नुते

प्रकार-शैक्षिक संस्थान

वैधानिक स्थिति-सक्रिय

उद्देश्य-शिक्षा में गुणवत्ता लाना

मुख्यालय-श्री अरविंद मार्ग

सेवित क्षेत्र-भारत

आधिकारिक भाषा-हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू

निदेशक -डॉ. दिनेश प्रसाद सकलानी

वेबसाइट -www.ncert.nic.in


NCERT की  स्थापना- 1 सितम्बर 1961 नई दिल्ली

NCERT के उद्देश्य- विद्यालय शिक्षा में सुधार लाना

NCERT के कार्य- इसका कार्य मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के द्वारा, यह एक स्वायत्त संस्था है

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी)  स्थापना 1961 में भारत सरकार के द्वारा स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए नीतियों और कार्यक्रमों पर केंद्र और राज्य सरकारों की सहायता और सलाह देने के लिए एक स्वायत्त संगठन के रूप किया  एनसीईआरटी और इसकी 5 घटक इकाइयां है जो निम्न प्रकार है। 

NCERT की संगढन इकाईयाँ अथवा  शैक्षिक अनुसंधान के विभिन्न प्रकार

इसकी निम्न लिखित इकाईयाँ है

  1.   राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान (NIE), नई दिल्ली
  2.   केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान (CIET), नई दिल्ली
  3.   पंडित सुंदरलाल शर्मा केंद्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान (PSSCIVE), भोपाल
  4.   क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE), अजमेर
  5.   क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE), भोपाल
  6.   क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE), भुवनेश्वर
  7.   क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (RIE), मैसूर अजमेर, भोपाल, शिलांग, भुवनेश्वर, मैसूर


NCERT की संगढन इकाईयों के प्रमुख कार्य 

  1. स्कूली शिक्षा से संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान करना, उसे बढ़ावा देना और समन्वय करना
  2. मॉडल पाठ्यपुस्तकों, पूरक सामग्री, समाचार पत्र, पत्रिकाओं को तैयार और प्रकाशित करना और शैक्षिक किट, मल्टीमीडिया डिजिटल सामग्री आदि विकसित करना
  3. शिक्षकों के पूर्व-सेवा और इन-सर्विस प्रशिक्षण का आयोजन करना
  4. राज्य शैक्षिक विभागों, विश्वविद्यालयों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य शैक्षिक संस्थानों के साथ नवीन शैक्षिक तकनीकों और प्रथाओं का विकास और प्रसार करना
  5. स्कूली शिक्षा से संबंधित मामलों में विचारों और जानकारी के लिए समाशोधन गृह के रूप में कार्य करना और प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करें
  6. अनुसंधान, विकास, प्रशिक्षण, विस्तार, प्रकाशन और प्रसार गतिविधियों के अलावा NCERT स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी है। 
  7. एनसीईआरटी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ मिलकर विदेशी प्रतिनिधिमंडलों का दौरा करने और विकासशील देशों के शैक्षिक कर्मियों को विभिन्न प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करता है। 


NCERT द्वारा प्रकाशित पत्रिकाएँ

NCERT द्वारा प्रकाशित कुल 6पत्रिकाएँ शोध और अन्य चिन्तन सम्बन्धी लेखों पर आधारित है।

  1. इण्डियन एजुकेशनल रिव्यू
  2.  जर्नल ऑफ़ इण्डियन एजुकेशन
  3. जर्नल ऑफ़ स्कूल साइंस
  4. आधुनिक भारतीय शिक्षा
  5. द प्राइमरी टीचर
  6. प्राथमिक शिक्षक


NCERT का स्कूली शिक्षा में योगदान

NCERT परिषद स्कूली शिक्षा और स्कूली शिक्षा के परीक्षा के क्षेत्र में विशेस सहयोग प्रदान कर रही है जो निम्न प्रकार है


  1. परिषद् समय के साथ-साथ स्कूल शिक्षा के उद्देश्य में परिवर्तन कर उसकी आधारभूत पाठचर्या तैयार करना
  2. विभिन्न स्तरों के पाठ्यक्रमों के अनुसार मानक-पाठ्य पुस्तके तैयार करना
  3. सेवापूर्व एवं सेवारत शिक्षकों को देश- विदेश में विकसित नवीनतम शिक्षण विधियों एवं तकनीकों से अवगत कराना
  4. परिषद् शिक्षण के लिये नए-नए  शिक्षण साधनों का विकास करना
  5. पाठ्य विषयों के प्रसारण के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कराना तथा उनके प्रसारण की वयवस्था करना
  6. स्कूल  स्तर के मूल्यांकन की नई-नई तकनिकी से अवगत कराना
  7. जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रवेश हेतु परीक्षा का आयोजन करना
  8. प्रतिभा खोज परीक्षा का सम्पादन करना
  9. क्षेत्रीय शिक्षा संस्थानों के माध्यम से सेवापूर्व और सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण की वयवस्था करना
  10. पण्डित सुन्दर लाल शर्मा केन्द्रीय व्यावसायिक शिक्षा संस्थान, भोपाल के माध्यम से व्यावसायिक शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षक प्रशिक्षण की वयवस्था करना
  11. स्कूली शिक्षकों को शैक्षिक एवं व्यावसायिक निर्देशन में प्रशिक्षण देना
  12. जनसंख्या शिक्षा की पूरी रूप रेखा, उद्देश्य एवं पाठ्यक्रम तैयार करना
  13. पर्यावरण शिक्षा की पूरी रुपरेखा,उद्देश्य और पाठ्यक्रम तैयार करना
  14. सरकार की नीतियों के अनुसार समय-समय पर नए-नए प्रयोग करना
  15. स्कूली शिक्षा एवं शिक्षक से सम्बन्धित सूचनाएँ एवं आंकड़े एकत्रित करना

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