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कक्षा-8, पाठ -6, बिहारी के दोहे Download pdf (way2pathshala)



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 कक्षा (Class) :-8

विषय(Subject):- हिंदी (Hindi)

पाठ (Chapter):- 6

पाठ नाम (Chapter name):- बिहारी के दोहे (bihari ke dohe)


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विचार और कल्पना

 

प्रश्न 1. 'धतूरे' की अपेक्षा 'सोने' को अधिक मादक क्यों कहा गया है?

उत्तर-मनुष्य जितना पागल धतूरे को खाने से होता है उससे सौ गुना अधिक पागल सोने (स्वर्ण) को केवल पाने से हो जाता है। अतः सोने में अधिक मादकता होती है।

 

प्रश्न 2. नीति के दोहों में कोई कोई मूल्य छिपा होता है, जैसे-पहले दोहे में 'व्यक्ति अपने गुणों से बड़ा होता है' से सम्बन्धित मूल्य है। इसी प्रकार निम्नलिखित मूल्यों से सम्बन्धित दोहों को लिखिए-

() दिखावा करने से बड़प्पन नहीं आता।

उत्तर-बड़े हजै गुनन बिन, बिरद-बड़ाई पाय।

कहत धतूरे सो कनक, गहनों गढ्यौ जाय।।

 

() स्वयं अपनी प्रशंसा नहीं करनी चाहिए।

उत्तर- ओछे बड़े हदै सकैं, लगौं सतर वै गैन।

दीरघ होहिं नैकहूँ, फारि निहारै नैन।।

 

() जिस वस्तु से हमारा कार्य सिद्ध हो, वही महत्त्वपूर्ण है।

उत्तर- अति अगाध, अति ओथरो, नदी, कूप, सर बाइ।

सो ताकौ सागर जहाँ, जाकि प्यास बुझाइ।।

 

() गुण, सौंदर्य से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

उत्तर- बड़े हूजे गुनन बिन, विरद बड़ाई पाय।

कहत धतूरे सों कनक, गहनों गढ्यो जाय।।

 

कविता से

 

प्रश्न 1. 'नाम बड़ा होने से ही कोई बड़ा नहीं हो सकता' इस कथन की पुष्टि के लिए कवि ने कौन-सा उदाहरण दिया है?

उत्तर-धतूरे को कनक (सोना) कहने से वह बड़ा नहीं हो जाता क्योंकि उससे गहने नहीं बनाये जा सकते। (उसमें बड़ा होने का गुण नहीं है।)

 

प्रश्न 2. कवि ने नदी, कृप, सर, बावली को किस स्थिति में सागर के समान माना है?

उत्तर-कवि ने नदी, कप, तालाब और बावली को सागर के समान इसलिए माना है क्योंकि इन्होंने जिसकी प्यास बुझाई उसके लिए तो यह सागर ही है।

 

प्रश्न 3. 'छोटे बड़े नहीं हो सकते' इसके लिए कौन सा उदाहरण दिया गया है?

उत्तर-'छोटे बड़े नहीं हो सकते' उदाहरणार्थ हम लाख अपनी आँखें फाड़-फाड़ कर क्यों देखें, छोटी वस्तु हमें बड़ी नहीं दिखाई दे सकती।

 

प्रश्न 4. कृष्ण की मोहन मूरति क्यों अद्भुत है?

उत्तर-कृष्ण की मोहन मूरति इसलिए अद्भुत है क्योंकि उन्होंने गरीब का बन्धु बनकर उन्हें भव सागर से पार उतार दिया।

 

प्रश्न 5. पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए

() सो ताकौ सागर जहाँ, जाकी प्यास बुझाई।

भाव-जिसकी जो प्यास बुझा दे उसके लिए तो वही सागर है।

 

() दूरि भजन जातें कयौ, सौ तैं भज्यौ गँवार।

भाव-तुम्हें जिन दुर्गुणों से दूर रहने के लिए कहा गया; तुमने उन्हीं दुर्गुणों को अपनाया।

 

() तूठे तूठे फिरत हौ, झूठे विरद कहाइ।

भाव-दीन बन्धु आप मेरा उद्धार कीजिए जिससे आपके बड़े होने की बड़ाई झूठी हो।

 

भाषा की बात

प्रश्न 1. कविता में प्रयुक्त निन्नलिखित शब्दों को देखिए और उनके खड़ी बोली के रूप पर ध्यान दीजिए। सो = वह, ताकौ = उसके लिए, हवै सकैं = हो सके। नीचे लिखे शब्दों के खड़ी बोली रूप लिखिए

उत्तर- तऊ = उससे, ताते = उतना, जाते = जितना, कह्यौ = कहा।

 

प्रश्न 2. 'कनक कनक तै सौगुनी, मादकता अधिकाय' में 'कनक' शब्द दो बार आया है। पहले 'कनक' शब्द का अर्थ धातूरा है तथा दूसरे 'कनक' शब्द का अर्थ स्वर्ण है। कविता में जहाँ एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आये और उसका अर्थ भिन्न-भिन्न हो, रहाँ यमक अलंकार होता है। नीचे लिखी पंक्तियों में अलंकार स्पष्ट कीजिए

() भजन कयौ, ताते भज्यौ, भज्यौ एकौ बार।

दूरि भजन जातें कयौ, सौ तों भज्यो गँवार॥

 उत्तर- यमक अलंकार है क्योंकि भजन और भज्यौ शब्द दो बार आकर भिन्न-भिन्न अर्थ में प्रयुक्त हुआ है।

 

() 'इस धरा का इस धरा पर ही धरा रह जायेगा। 'यमक अलंकार

 

() 'काली घटा का घमण्ड घटा। 'यमक अलंकार 



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UP BOARD

कक्षा-8, हिंदी 




पाठ-1 :-वीणावादिनि वर दे 

पाठ-2 :-काकी 

पाठ-3 :-सच्ची वीरता 

पाठ-4 :- पेड़ों के संग बढ़ना सीखों 

पाठ-5 :-अपराजिता 

पाठ-6 :-बिहारी के दोहे 

पाठ-7 :-जूलिया 

पाठ-8 :-धानों का गीत 

पाठ-9 :- हिंदी विश्वशांति की भाषा 

पाठ-10 :-भक्ति के गीत 

पाठ-11 :-आत्मनिर्भरता 

पाठ-12  :-पहरुए सावधान रहना 

पाठ-13 :-जंगल 

पाठ-14 :-कर्मवीर 

 पाठ-15 :-एक स्त्री का पत्र 

पाठ-16 :-सोना 

पाठ-17 :-अमरकंटक से डिंडौरी 

पाठ-18 :-नीड़ का निर्माण फिर-फिर 

पाठ-19 जब मैंने पहली पुस्तक खरीदी 

पाठ-20 झाँसी की रानी 

पाठ-21 बस की यात्रा 

पाठ-22 खान-पान की बदलती तस्वीर 


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