शब्द परिचय
शब्द
वर्णो के सार्थक समूह को शब्द कहते है जैसे-
घ + र = घर
क + म + ल = कमल
ह + व + न = हवन
हिन्दी भाषा में शाब्दिक आधार पर शब्द के निम्न लिखित रूप है
*संधि द्वारा
*समास द्वारा
*उसर्ग द्वारा
*प्रत्यय द्वारा
नोट:-संधि तथा समास के माध्यम से शब्दों का निर्माण किस प्रकार किया जाता है और निर्माण की कौन-कौन सी विधिया है की पूरी जानकारी के लिये नीचे दिए गये लिंक पर क्लिक करे|👇👇👇
2 समास किसे कहते है?समास की परिभाषा और उदाहरण
शब्दों का निर्माण उपसर्ग के द्वारा
उपसर्ग
वह शब्द जो किसी शब्द से पहले जुड़ कर उसके अर्थ में बदलाव लाते है उपसर्ग कहलाते है|इन उपसर्गों की विस्तृत जानकारी के लिए इन्हे चार वर्गों में बाँटा गया है |
1 तत्सम उपसर्ग(संस्कृत के उपसर्ग)
2 तद्भव उपसर्ग(हिन्दी के उपसर्ग)
3 देशज उपसर्ग
4 विदेशी अथवा विदेशज उपसर्ग (उर्दू,अरबी-फ़ारसी, अंग्रेजी भाषा से)
1 तत्सम
तत्सम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है तत + सम जिसका अर्थ है उसके सामान अर्थात वह शब्द जो संस्कृत भाषा से हिन्दी में आये और उनको ज्यों का त्यों प्रयोग करते है तत्सम शब्द कहलाते है|
हिंदी में इनकी संख्या 22 है जैसे-
क्र. | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से निर्मितशब्द |
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 | अति अधि अनु अप अभि अव आ उत उप दुस दुर नि निर निस परा परि प्र प्रति वि सम सु स | अधिक श्रेष्ढ पीछे,समान बुरा और,सामने बुरा,हीन,नीचे तक,और,समेत ऊँचा, ऊपर निकट, सहायक बुरा, कढ़िन बुरा, कढ़िन नीचे रहित, नहीं निषेध,रहित उल्टा, पीछे पूर्ण आगे,अधिक विरुद्ध, प्रत्येक विशेष ,अभाव साथ,पूर्ण, शुद्ध अच्छा सहित | अत्यन्त, अत्याचार अध्यक्ष, अध्यात्म अनुभव, अनुवाद अपहरण,अपयश अभ्यागत, अभियोग अवगुण, अवसाद आजीवन, आहार उज्ज्वल, उद्गम उपकार, उपचार दुष्कर्म, दुस्तर दुर्जन, दुर्घटना निबन्ध, निगम निष्कपट, निर्गुण निस्पाद, निष्काम पराधीन, परामर्श परिमाप, परिजन प्रबुद्ध, प्रजनन प्रत्यक्ष, प्रत्येक विज्ञान, विशेष समन्वय, संयोग सुयोग, सुपुत्र सजन, सतर्क |
2 तद्भव
तद्भव का अर्थ है उससे उत्पन्न अर्थात संस्कृत से उत्पन्न
"संस्कृत भाषा के वे शब्द जो अपने रूप को बदल कर हिंदी में मिल गये है तद्भव शब्द कहलाते है जैसे-
क्रम | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से निर्मित शब्द |
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15
| अ अध अन उन औ उ कु दु नि पर स सु चौ ति दु | अभाव आधा निषेध एक कम हीन ऊँचा बुरा दुरा बिना,रहित दूसरा सहित, अच्छा अच्छा चार तीन दो | अजान, अमर अधमरा,अधपका, अनबूझ, अनपढ़ उन्नीस, उनचास, उन्तीस औगुन, औसर उचक्का, उनींदा कुकर्म, कुसंग, करूप दुबला, दुराज, दुपहर निपूत, निकम्मा परलोक, परपोता सगुन, सदय सुदेश, सुफल चौगुन, चौतरफा, चौमासा तिमाही, तिरंगा,तिगुना दुपट्टा, दुरंगा |
3 देशज
देशज व्युत्पत्ति का पता नहीं चलता है अर्थात जो शब्द देश की विभिन्न भाषाओं से हिन्दी में अपना लिए गए है उन्हें देशज या देशी शब्द कहते है जैसे-
गाड़ी, पेट, खिड़की, लोटा, पगड़ी, चिमटा आदि
4 विदेशी या विदेशज
विदेशी भाषा से हिन्दी भाषा में ए शब्दों को विदेशी शब्द कहते है जैसे- अंग्रेजी, उर्दू, अरबी, फर्सी, रेडिओ, स्कुल, गमला, आलू, फर्श, कालीन, दाम,कूपन आदि
A विदेशज शब्द (उर्दू,अरबी-फ़ारसी भाषा से)
हिन्दी भाषा में विदेशी भाषा से आये शब्दों को आगत शब्द कहा जाता है जो निम्न लिखित है
अरबी-फ़ारसी उपसर्ग
क्रम | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से निर्मित शब्द |
1 2 3 4 5 6 | कम गैर ला दर सर हर | हीन रहित बिना में अच्छा प्रत्येक | कमसिन, कमजोर, कम-उम्र गैरकानूनी, गैरमुमकिन लाचार, लापरवाह, लाजवाब दरकिनार, दरकार सरकार, सरपंच हरदम , हररोज |
क्रम | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से निर्मित शब्द |
1 2 3 4 5 | हाफ चीफ वाइस सब डिप्टी | आधा प्रमुख उप छोटा सहायक | हाफ पैंट चीफ सेक्रेटरी, चीफ इंजीनियर वाइस प्रिंसिपल, वाइस चाँसलर सबइंस्पेक्टर, सबरजिस्ट्रार डिप्टी मिनिस्टर, डिप्टी कलेक्टर |
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