मुगल साम्राज्य Mugal Empire

 

मुग़ल सल्तनत का संस्थापक- बाबर(1526) 

मुग़ल सल्तनत का पहला शासक- बाबर

मुग़ल सल्तनत का अन्तिम शासक-बहादुरशाह जफ़र द्वितीय

 

 

मुग़ल सल्तनत के प्रमुख शाशक तथा उनका शासन काल

 

1 बाबर (1526-1530)-शासन समय 4 वर्षो तक

2 हुमायूँ (1530-1556) 26 वर्षो तक

3 अकबर (1556-1605) 49 वर्षो तक

4 जहाँगीर(1605-1627) 22 वर्षो तक

5 शाहजहाँ(1627-1657) 30 वर्षो तक  

6 औरंगजेब(1657-1707) 50 वर्षो तक  

7 शाहजादा आलम

8 जहांदरशाह

9 फर्रुखा सियर 

10 बहादुर शाह पौत्र (3 माह तक)

11 आलमगीर द्वितीय

12 शाहजहाँ द्वितीय (1 वर्ष तक)

13 अकबर  द्वितीय

16 बहादुरशाह जफ़र द्वितीय (अन्तिम शासक)




 

मुग़ल सल्तनत की भारत में  शुरुआत

 दिल्ली सल्तनत मे सिकन्दर लोदी के पश्चात लोदी वंश का अन्तिम शासक इब्राहीम लोदी 1517 में  सिहांसन पर बैठा, 1517-18 में ही इब्राहीम लोदी और राणा सांगा के मध्य घाटोली  युद्ध हुआ जिसमे लोदियों की हार हुयी जिससे पंजाब  शासक दौलत खां लोदी एवं इब्राहीम लोदी के चाचा आलम खां ने बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए आमंत्रित किया था जिससे बाबर ने आकर अप्रैल 1526 ई० में पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहीम लोदी को हराकर मुगल सल्तनत की भारत में स्थापना की, मुग़ल सल्तनत की शुरुआत के साथ-साथ दिल्ली सल्तनत का भी अन्त हो गया |

 

मुग़ल सल्तनत का प्रथम शासक बाबर

बाबर के पिता तैमूर वंश के तथा माता चंगेज वंश की थी | जब बाबर 11 वर्ष का था तभी फरगाना राज्य के सिहांसन पर बैठा और 1496 ई० में समरकन्द पर आक्रमण किया पर असफल रहा परन्तु 1497 ई० पुनः समरकन्द पर आक्रमण करके उसे अपने अधिकार में ले लिया |

परन्तु सरदार शेरवानी खान ने समरकन्द एवं फरगना पर आक्रमण करके उसे अपने अधिकार में पुनः ले लिया और उसपे अपना अधिकार स्थापित कर लिया |  

किसके कारण बाबर अपना देश छोड़ कर काबुल चला गया और एक छोटी सी सेना के आधार पर 1505 में काबुल का बादशाह बना उसके बाद फारस के शाह से सहायता लेकर पुनः समरकन्द पर आक्रमण कर उस पर अपना प्रभुत्त स्थापित कर लिया | परन्तु तीसरी बार भी उसे समरकन्द से निकाल दिया गया अतः वह निराश होकर अपना ध्यान भारत की और लगाया|

इधर अफगान सामन्त इब्राहीम लोदी के अपमान जनक व्यवहार से दुखी होकर पंजाब के शासक दौलत खां और इब्राहीम लोदी के चाचा आलम खां ने बाबर को भारत पर आक्रमण करने के लिए आमन्त्रित किया, बाबर इस निमंत्रण को स्वीकार कर 1526 ई० में काबुल से भारत की और चल दिया परन्तु बाद में दौलत खां की बाबर से अनबन हो गयी अतः सर्वप्रथम बाबर को दौलत खां से ही युद्ध करना पड़ा इस संघर्ष में दौलत खां की हार हुयी और बाबर ने लाहौर पर अपना अधिकार कर लिया |

इस नई शुरुआत के साथ अप्रैल 1526 ई० में पानीपत का प्रथम युद्ध बाबर एवं इब्राहीम लोदी के मध्य हुआ इस युद्ध में इब्राहीम लोदी की हार होने के साथ ही दिल्ली सल्तनत का अन्त हो गया और दिल्ली सल्तनत पर मुग़ल वंश की स्थापना हुयी |

 
भारत में मुगल सल्तनत के शासक

भारत में मुग़ल सल्तनत का संस्थापक- बाबर 1526 ई० में

1 बाबर (मुग़ल सल्तनत का संस्थापक तथा पहला शासक)

*बचपन का नाम-जहीरुद्दीन

*जन्म-14 फ़रवरी फरगना में

*पिता का नाम- अमर शेख मिर्जा(तैमूर वंश के)

*माता का नाम-(चंगेज वंश की)

*भारत पर आक्रमण-1526 में पानीपत का प्रथम युद्ध

*भारत पर शासन का समय-(1526-1530)

 

बाबर के द्वारा भारत में लडे गए प्रमुख युद्ध

*पानीपत का प्रथम युद्ध(1526)-बाबर तथा इब्राहिम लोदी के मध्य जिसमे इब्राहिम लोदी की हार हुयी

*खानवा का युद्ध(1527 )-बाबर तःथा राणा शंगा के मध्य,राणासांगा की हार हुयी

*चंदेरी का युद्ध(1528)-बाबर तथा मेदिनराय के मध्य,मेदिनराय पराजित हुये

*घाघरा युद्ध (1529)-बाबर और अफगान(महमूद लोदी) के मध्य , महमूद लोदी पराजित हुआ

 

मृत्यु-1530 में बाबर की आगरा में मृत्यु हो हुयी और इसे काबुल में दफनाया गया |

 

नोट:-युद्ध याद करने के ट्रिक :-

*26 में पानी पिया, 27 में खाना खाया,28 में चल दिया, 29 में घर गया, 30 में मर गया

अर्थात 1526 में पानीपत का युद्ध, 1527 में खानवा युद्ध, 1528 में चन्देरी का युद्ध,1529 में घाघरा का युद्ध, 1530 में मृत्यु हो गयी।

 

प्रमुख बिन्दु👇👇👇

*खानवा युद्ध के बाद बाबर को गाजी की उपाधि दी गयी।

*बाबर की दानप्रियता के कारण इसे कलन्दर की उपाधि दी गयी।

*बाबर की आत्मकथा -तुजुक--बाबरी (तुर्की भाषा में)

* तुजुक--बाबरी का फ़ारसी अनुवाद- बाबर नामा (जहाँगीर द्वारा लिखित)

*आराम बाग़ का निर्माण-आगरा में

 

2 हुमायू

शासन काल- (1530-1556 तक)

बचपन का नाम-नसीरुद्दीन

बाबर की मृत्यु के बाद उसका बड़ा पुत्र हुमायू 1530 में मुगल सिहांसन पर बैढा, सिहांसन पर बैढते ही हुमायू को अफगान के शासक बहादुर शाह तथा गुजरात के शासक शेरशाह से चुनौती मिली इन चुनौतियों में शेरशाह ने हुमायू को पराजित किया और सिहासन पर अपना अधिकार कर लिया `हुमायू  शासन काल में ही शेरशाह ने GT Road का निर्माण कराया था जो कलकत्ता से पेशावर(पाकिस्तान)जाता है |

*हुमायु की जीवनी-हुमायू नामा

*हुमायू  रचना-गुलबदन बेगम ने की

*हुमायु की मृत्यु-1556 में शेरमण्डल नमक पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर इसकी मृत्यु हो गयी थी |

 

शेरशाह और हुमायू के मध्य युद्ध

शेरशाह और हुमायू के मध्य निम्न युद्ध हुए।

1 चौसा का युद्ध(1539)

हुमायू तथा शेरशाह के मध्य यह युद्ध हुआ जिसमे हुमायू की पराजय हुयी।

 

2 कन्नौज/विलग्राम का युद्ध(1540)

यह युद्ध कन्नौज में हुमायू तथा शेरशाह के मध्य हुआ जिसमे हुमायू की पराजय हुयी और शेरशाह ने दिल्ली तथा आगरा पर अपना अधिकार कर लिया और शेरशाह शूरी नाम से शासन किया|

हुमायू सिन्ध के रास्ते होते हुये फारस चला गया विपदा  के दिनों में उसे अमरकोट के राजपूत राजा वीरसाल ने संरक्षण दिया अमरकोट में ही 1542 में अकबर का जन्म हुआ |

जैसा की ऊपर हम पढ़ चुके है कि (विलग्राम युद्ध में शेरशाह ने हुमायू को हराकर हिंदुस्तान के तख़्त पर अपना अधिकार कर लिया और शेरशाह सूरी के नाम के तख़्त पर बैठा) शेरशाह सूरी के बचपन का नाम फरीद था यह बिहार की एक छोटी सी जागीर के अफगान सरदार का पुत्र था| एक बार उसने अपने मालिक की जान शेर से बचायी तभी से उसका नाम फरीद से शेर खा पड़ गया | 

शेरशाह सूरी के कार्य 

दिल्ली के निकट यमुना नदी के किनारे शेरपुर नगर बसाया तथा दिल्ली के पुराने किले में "शेर-ए-मण्डल" बनवाया जिसे हुमायू ने बाद में पुस्तकालय नाम दिया | 

इधर हुमायू शेरशाह से हारने के बाद वह भारत से बाहर रहा और बाहर रहकर 1545 में काबुल और कंधार पर अधिकार कर लिया तथा भारत पर पुनः अधिकार करने के लिये 1554 में पेशावर पहुँचा व 1555 में लाहौर पर अधिकार किया | 

एक बार पुनः 22 जून 1555 में मुगलों और अफगानों के बीच सरहिन्द नमक स्थान पर युद्ध हुआ इस युद्ध में अफगान सेना का नेतृत्व सिकन्दर सुर तथा मुग़ल सेना का नेतृत्व बैरम खा ने किया इस युद्ध में मुगलों की विजय हुयी और  में हुमांयूँ पुनः दिल्ली के तख़्त पर बैठा | 

 आगे की विस्तृत जानकारी के लिए मुग़ल सल्तनत का भाग 2 पढ़े👇👇👇👇👇

3 अकबर

बचपन का नाम- जलालुद्दीन

शासन काल -(1556-1605)

राज्याभिषेकपिता हुमांयु की मृत्यु के समय वह मात्र 13 वर्ष महीना के थे जिससे इनका राज्यभिषेक बैरम खा की देख रेख में पंजाब के गुरुद्वास पुर जिले के कालानौर स्थान पर 1556 में हुआ |

अकबर द्वारा लड़े गये युद्ध

1 पानीपत का द्वितीय युद्ध(1556)-हेमू तथा अकबर के बीच

पानीपत का द्वितीय युद्ध अकबर के संस्थापक बैरम खां और मोहम्मद आदिल .....पूरी पोस्ट पढ़े


महत्वपूर्ण प्रश्न/उत्तर 

प्रश्न 1 भारत में मुग़ल वंश का संस्थापक कौन था ?

उत्तर- बाबर  


प्रश्न 2 सल्तनत काल के किस शाशक को बाबर ने हरा कर भारत में मुग़ल सल्तनत की नीव रखी ?

उत्तर-इब्राहीम लोदी 


प्रश्न 3 सल्तनत काल का अंतिम शाशक कौन था?

उत्तर- इब्राहीम लोदी


प्रश्न 4 बाबर का जन्म कब हुआ ?

उत्तर-1483 

 

प्रश्न 5 बाबर की पिता उमर शेख मिर्जा किस राज्य के संस्थापक थे ?

उत्तर- फरगना 


प्रश्न 6 बाबर ने बादशाह की उपाधि कब धारण की ?

उत्तर- 1507


प्रश्न 7 बाबर ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया था ?

उत्तर-पांच बार 


प्रश्न 8 बाबर  ने किस युद्ध में सल्तनत काल के अन्तिम शाशक इब्राहीम लोदी को हरा कर मुग़ल सल्तनत की नीव रखी?

उत्तर पानीपत के प्रथम युद्ध में (1526)


प्रश्न 8 बाबर ने भारत में कितने युद्ध लड़े ?

उत्तर-

1 पानीपत का प्रथम युद्ध1526 -बाबर तथा इब्राहीम लोदी के मध्य (बाबर की विजय)

2-खानवा का युद्ध 1527-बाबर तथा राणा सांगा के मध्य  (बाबर की विजय)

3-चन्देरी का युद्ध 1528- बाबर तथा मेदिन राय का मध्य  (बाबर की विजय)

4-घाघरा का युद्ध 1529-बाबर तथा अफगानो के मध्य  (बाबर की विजय)


प्रश्न9 बाबर ने अपने शव को दफ़नाने के लिए किस स्थान को चुना था ?

उत्तर काबुल 


प्रश्न 10 बाबर की आत्म कथा किस पुस्तक से मिलती है ?

उत्तर 

तुजुक-ए-बाबरी से

इसका फ़ारसी अनुवाद- बाबर नामा  

 

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