पारिस्थितिकी तंत्र
*पारिस्थितिकी शब्द का सर्व प्रथम प्रयोग-ए जी टैंशले द्वारा 1935 मे किया गया|
*पारिस्थितिकी तंत्र का अध्ययन-पारिस्थितिकी द्वारा किया जाता है |
*हमारा परिस्थितिकी तंत्र विभिन्न प्रकार के जीव जन्तु एवं पेड़ पौधों से मिलकर बना है सम्पूर्ण पृथ्वी पर एक परिस्थितिक तंत्र है इसके अन्तर्गत सभी जीव अपनी खाद्य प्राप्त के लिये मूल उत्पादक पर निर्भर है|
पारिस्थितिकी तंत्र के घटक
*पारिस्थितिकी तंत्र के दो घटक है|
A जैविक घटक-इसके अन्तर्गत हरे पौधे,उपभोक्ता,अपघटक, अपरद भोजी आते है|
B अजैविक घटक-इसके अन्तर्गत कार्बनिक,अकार्बनिक जलवायु आते है|
*जीवों की शृंखला जो भोजन के आधार पर एक दूसरे से सम्बन्धित होती है आहार या खाद्य श्रंखला कहलाती है |
*खाद्य शृंखला के स्तर-उत्पादक---प्राथमिक उपभोक्ता----द्वितीय उपभोक्ता
*लिंडमेन के अनुसार खाद्य श्रंखला में 10% ऊर्जा का रूपांतरण होता है तथा 90% ऊर्जा की हानि होती है|
जब जीव एक से अधिक पोषक स्तरों से तथा श्रंखलाओ से अपना भोजन तथा ऊर्जा प्राप्त करता है ऐसे पारितंत्र को खाद्य जाल कहते है है| खाद्य जाल में ऊर्जा का रूपान्तरण कई दिशाओं में होता है तथा खाद्य जाल को पृथ्वी के प्राकृतिक सन्तुलन की अनिवार्य कड़ी कहा जाता है |
इसके प्रतिपादक जूलियन हक्सले है इनके अनुसार नयी जातियों की उत्पत्ति पुरानी जातियों के जीन्स में परिवर्तन के कारण होती है|
- नव डार्विन सिद्धांत-जूलियन हक्सले द्वारा
- उत्परिवर्तन वाद का सिद्धांत-ह्यूगो डी ब्रीज़ द्वारा
- लैमार्क वाद का सिद्धांत-लैमार्क द्वारा
पर्यावरण से सम्बंधित दिये जाने वाले पुरस्कारों के बारे में जानकारी के लिये नीचे क्लिक करे
👇👇👇👇👇
HomeGKपर्यावरण से सम्बन्धित पुरस्कार पर्यावरण से सम्बन्धित पुरस्कार
महत्वपूर्ण प्रश्न-उत्तर
प्रश्न1पारिस्थितिकीशब्द
का
प्रयोग
सर्व
प्रथम
किसने
किया?
उत्तर-ए जी टैंशल द्वारा 1935 मे
उत्तर-जैविक घटक
उत्तर-10% ऊर्जा
उत्तर-खाद्य जाल को
उत्तर-जूलियन हक्सले
For more post Search in google👇
0 Comments